बुढ़ापे में ही नहीं बल्कि किसी भी उम्र में हो सकते हैं हड्डियों के रोग, रहें सावधान

बुढ़ापे में ही नहीं बल्कि किसी भी उम्र में हो सकते हैं हड्डियों के रोग, रहें सावधान

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का कमजोर होना स्वाभाविक है। जिस पर ध्यान न दिया जाए तो कमजोर हड्डियां कई बीमारियों की शिकार हो सकती हैं। जानिए इनके बारे में यहां :

मनुष्य के शरीर में 206 हड्डियां होती हैं और हड्डियां हमारी बॉडी को मूव करने में मदद करती हैं। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। पूरी उम्र लगातार हमारी हड्डियां का पुनर्निर्माण होता रहता है। बचपन और आपके किशोरावस्था के दौरान नई हड्डियों का विकास तेजी से होता है। लेकिन बीस की उम्र के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की बीमारी से बचने के लिए शुरुआत से ही उसका ध्यान रखना आवश्यक है। बुढ़ापे में हड्डियों के टूटने का खतरा कम रहे, इसके लिए आप अपनी डाइट में पर्याप्त कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व लें, व्यायाम करें और साथ में और भी कई बातों का ध्यान दें। जानिए कौन से हड्डियों के रोग होते हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस

इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार बुजुर्गों में देखे जाने हड्डियों के रोग में ऑस्टियोपोरोसिस भी एक मुख्य समस्या है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां इतनी ज्यादा कमजोर होती हैं कि हल्का सा गिरने पर फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित फ्रैक्चर सबसे अधिक कूल्हे कलाई या रीढ़ की हड्डी में देखने को मिलता है

पैजेटस डिजीज ऑफ़ बोन

बुढ़ापे में होने वाले हड्डियों के रोग में एक पैजेटस डिजीज भी है। इस बीमारी में हड्डी के नए ऊतक धीरे-धीरे पुराने हड्डी के ऊतकों की जगह ले लेते हैं। ऐसे में समय के साथ, हड्डियां कमजोर और भंगुर होने लगती हैं। यह रोग ब्रेन, रीढ़ और पैर को सबसे अधिक प्रभावित करता है।

हड्डियों का कैंसर

हड्डियों का कैंसर हड्डियों के रोग का एक घातक प्रकार है।यह कैंसर और प्रकार के कैंसर की अपेक्षा कम देखने को मिलता है, पर बुजुर्गों की कमजोर हड्डियों में इसका खतरा ज्यादा होता है। हड्डियों का कैंसर अधिकतर पेल्विस या बाजू और टांगों की लम्बी हड्डी को प्रभावित करता है। यह एक दुर्लभ कैंसर है।

ऑस्टियोमाइलाइटिस

ऑस्टियोमाइलाइटिस हड्डी में होने वाला एक इंफेक्शन है, जो कि काफी परेशान कर देता है। यह इंफेक्शन हड्डी और ब्लडस्ट्रीम के माध्यम टिश्यू में फैलने के कारण हो सकता है। इसके अलावा, यह हड्डी में तब भी हो सकता है, जब हड्डी में किसी चोट के कारण हड्डी में जर्म्स फैल गया हो।

हड्डियों के रोग से बचने के लिए क्या खाएं

हड्डियों के रोग से बचने के लिए आपको एक हेल्दी डाइट लेना जरूरी है। आप उन खाद्य पदार्थों को खाएं, जिनमें कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य पोषक तत्वों की अधिक मात्रा पाई जाती है। ये सभी पोषक तत्व आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों के लिए आप दूध, पनीर या अन्य डेयरी पदार्थों का सेवन करें। विटामिन डी के लिए अंडे और मछली आदि खाएं। हरी सब्जियां, फलों और साबुत अनाज का सेवन जरूर करें।

हड्डियों के रोग से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल रखें

हड्डियों के रोग से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करना जरूरी है। ऐसा करने से आप एक अच्छा और स्वस्थ जीवन जी पाएंगे।आप अपनी लाइफस्टाइल में सही समय में खानपान, सही समय पर नींद और 8 घंटे की पूरी नींद, एक्सरसाइज इन सभी बातों पर ध्यान दें।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

शराब के अधिक सेवन से शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की मात्रा प्रभावित होती है और हड्डियों के रोग की संभावना बढ़ सकती है। शराब के सेवन से हार्मोन लेवल भी प्रभावित होता है, जो हड्डियों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। धूम्रपान और बोन डेंसिटी का सीधा संबंध है। इसलिए धूम्रपान करने वालों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक होता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

source: Nav Bharat Times

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x