50 सालों में सबसे लंबा होगा 2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण, अगले 100 वर्षों में नहीं होगा ऐसा, जानें इसकी खासियत

50 सालों में सबसे लंबा होगा 2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण, अगले 100 वर्षों में नहीं होगा ऐसा, जानें इसकी खासियत

2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को होने जा रहा है। वैसे तो सूर्य ग्रहण हर छह साल के अंतराल पर होता है लेकिन इस बार अंतरिक्ष में होने वाली ये खगोलीय घटना कई मायनों में पिछली बार से काफी अलग होने वाली है। चंद्रमा की खास स्थिति के चलते ये सूर्य ग्रहण काफी लंबा होने वाला है।

वाशिंगटन: खगोलीय घटनाओं में नजर रखने वालों के लिए हर ग्रहण एक रोमांचक अनुभव होता है, लेकिन अप्रैल 2024 का सूर्य ग्रहण इसमें रुचि न रखने वालों के लिए भी उत्साह जगा सकता है। 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण होने जा रहा है, जो अपनी विशेषताओं के चलते खगोलविदों के लिए बेहद खास हो गया है। इस खगोलीय घटना के बारे में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने कहा है कि अपने रास्ते, समय और वैज्ञानिक रिसर्च में अंतर के कारण 2024 का ग्रहण और भी रोमांचक हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, 2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण पिछले 50 वर्षों का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा।

क्या होता है पूर्ण सूर्य ग्रहण?

पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी और सूर्य की सीध के बीच में चंद्रमा आ जाता है। इसके चलते सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पहुंचना रुक जाता है और पृथ्वी की सतह के एक हिस्से पर छाया पड़ती है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा संपूर्ण सौर डिस्क को ढंक लेता है। इस प्रक्रिया पर दिन के दौरान कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाता है। पिछली बार ऐसा 2017 के दौरान हुआ था, लेकिन 2024 का सूर्य ग्रहण पिछले कई बार से काफी अलग अनुभव लेकर आने वाला है।

इस वजह से होगा लंबा सूर्य ग्रहण

वैज्ञानिकों ने बताया है कि 2024 का पूर्ण सूर्य ग्रहण पिछली आधी सदी में सबसे लंबा होने वाला है। दरअसल, ग्रहण से एक दिन पहले जैसे ही चंद्रमा अपने निकटतम बिंदु पर पृथ्वी के करीब आएगा। 8 अप्रैल को जब ग्रहण होगा उस समय चंद्रमा धरती से सिर्फ 3,60,000 किलोमीटर की दूरी पर होगा। पृथ्वी के करीब होने की वजह से चंद्रमा का आकार सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा। इसका परिणाम ये होगा कि ये ज्यादा देर तक सूर्य को ढंकेगा और धरती पर अंधकार की लंबी अवधि होगी। वहीं, पृथ्वी और चंद्रमा ग्रहण के दिन सूर्य से अपनी औसत दूरी 1.5 करोड़ किलोमीटर बनाए रखेंगे। इन संयोगों के चलते सूर्य 7.5 मिनट तक नहीं नजर आएगा, जो कि सामान्य से काफी लंबी है। पिछली बार आसमान में इतने लंबे समय तक अंधेरा साल 1973 में देखा गया था, जिसने अफ्रीकी महाद्वीप पर अपनी छाया डाली थी।

2150 तक नहीं देखा जा सकेगा ऐसा ग्रहण

खास बात ये है कि प्रशांत महासागर के ऊपर 2150 तक ऐसा दोबारा नहीं देखा जा सकेगा। इस पूर्ण सूर्य ग्रहण को मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा के कुछ हिस्सों में रहने वाले लोग अनुभव कर सकेंगे। मोंटाना, नॉर्थ डकोटा और साउथ डकोटा में इसे नग्न आंखों से साफ देखा जा सकेगा। हालांकि, ग्रहण को देखने के लिए एक्सपर्ट कुछ थोड़े समय को छोड़कर विशेष चश्मे के उपयोग की सलाह देते हैं।

source: Navbharattimes

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