क्या धनबाद में कारोबार करना मुश्किल हो गया है?

Madhulika Sweets Dhanbad
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क्या धनबाद में कारोबार करना मुश्किल हो गया है?

44 साल पुराने मधुलिका स्वीट्स ने बंद किए पांचों आउटलेट, उठे सवाल नगर निगम और प्रशासन पर

धनबाद।
धनबाद के 44 साल पुराने प्रतिष्ठान मधुलिका स्वीट्स ने अपने सभी पांचों आउटलेट्स (बैंक मोड़, सरायढेला, हीरापुर, मेमको मोड़ और हाउसिंग कॉलोनी) पर ताले जड़ दिए हैं। मालिक जयप्रकाश चौरसिया का कहना है कि अब इस शहर में फूड बिजनेस चलाना बेहद मुश्किल हो गया है।

सवाल उठे – कारोबार क्यों बंद करना पड़ा?

सूत्र बताते हैं कि हीरापुर और हाउसिंग कॉलोनी जैसे आउटलेट्स हर दिन करीब 50 हजार रुपये कमाई कर रहे थे, जो त्योहारों में 70 हजार तक पहुंचती थी। इतने मुनाफे के बावजूद आउटलेट्स बंद होना बड़ा सवाल खड़ा करता है।

मालिक का कहना है कि—

  • कभी मिठाई की क्वालिटी पर मनगढ़ंत शिकायतें होती थीं,

  • कभी ब्यूरोक्रेटिक दबाव हावी रहता था।

उनका आरोप है कि फुटपाथ पर बिना लाइसेंस और नियम-कानून के चल रहे फूड स्टॉल्स पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि संगठित दुकानों पर सख्ती की जाती है।

नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल

नगर निगम का करीब एक लाख रुपये वाटर टैक्स भी बकाया है। अब जब संस्थान ही बंद हो गया, तो क्या यह राशि वसूल हो पाएगी?
यह सवाल सीधे नगर निगम की राजस्व वसूली और नीतियों पर खड़ा होता है।

कारोबार ठप – कर्मचारी बेरोजगार

पांचों आउटलेट्स में करीब 25 कर्मचारी और मिठाई फैक्ट्री में 40 कर्मी काम कर रहे थे। सभी को भुगतान कर छुट्टी दे दी गई है। अब ये सभी बेरोजगार हो गए हैं।

प्रॉपर्टी विवाद भी चर्चा में

सूत्रों के मुताबिक मालिक जयप्रकाश चौरसिया और उनके भाई के बीच प्रॉपर्टी विवाद भी है। लेकिन क्या सिर्फ यही वजह थी? या फिर प्रशासनिक दबाव और असमान प्रतिस्पर्धा ने इस 44 साल पुराने ब्रांड को ताला लगाने पर मजबूर किया?


बड़े सवाल – जवाब कौन देगा?

👉 क्या धनबाद का कारोबारी माहौल इतना बिगड़ गया है कि पुराने से पुराने ब्रांड भी टिक नहीं पा रहे?
👉 फुटपाथी दुकानों और संगठित दुकानदारों के लिए अलग-अलग नियम क्यों?
👉 नगर निगम का बकाया टैक्स कौन चुकाएगा?
👉 त्योहारों से ठीक पहले कारोबार बंद होना क्या प्रशासनिक नीतियों की नाकामी नहीं है?


📰 यह खबर न सिर्फ एक प्रतिष्ठान के बंद होने की कहानी है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि आखिर धनबाद में कारोबारी माहौल कितना सुरक्षित और टिकाऊ है।

Mrityunjay Kumar

Mrityunjay Kumar is a multifaceted innovator — a tech entrepreneur by profession and a storyteller by passion. As Co-Founder and Director of Technology Strategy, he has led transformative initiatives in the startup ecosystem, architecting scalable solutions and aligning technology with long-term business vision. In 2025, Mrityunjay made his literary debut with Pagalpanthy – If You Had Loved Someone, a soul-stirring coming-of-age novel that explores the fragile beauty of young love, emotional vulnerability, and the chaos of unspoken feelings. Inspired by a true story shared with him nearly a decade ago, the novel traces the journey of Mrinal and Soumya across Kota, Bhubaneswar, and Dubai — blending themes of mentorship, heartbreak, and healing. A computer engineer by education and a dreamer by choice, Mrityunjay’s work — both in tech and fiction — reflects his deep empathy for human experiences that technology often overlooks. His writing is conversational, raw, and authentic, resonating with readers who’ve loved in silence or lost without closure. When he’s not building tech or writing stories, he enjoys long walks, nostalgic music, and connecting with readers who find pieces of themselves in his pages.

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